23 नवंबर, 2020

नया आयाम - -

अंतर्मन से जो शब्द पैदा होते हैं
वो जीवन को नया आयाम
देते हैं, अंधकार केवल
है दुःख की क्षणिक
परछाई, जो
इसे
जीत ले, वो अपने आप को एक
नया नाम देते हैं, वो जीवन
को नया आयाम देते
हैं।  मेरे अंदर की
दुनिया न
जाने
कितनी बार टूटी, अनेक टुकड़ों
में बिखरी, जब मैंने अपने
आसपास देखा, तो
मैंने पाया, मेरा
अपना
बिखराव तो कुछ भी नहीं उनके
सामने, फिर भी उनकी
मुस्कान में ज़रा
भी कमी
नहीं,
कितनी सुंदरता से लोग अपनी
नकारात्मक सोच को
विराम देते हैं, वो
जीवन को
नया
आयाम देते हैं। कितने सफ़र हैं
अधूरे, कितने जज़्बात हैं
मृत नदी, कितनी
ख़्वाहिशें
दम
तोड़तीं, फिर भी अपने पैरों पर
नहीं गिरूंगा, ख़ुद को मैं
हर मोड़ पर जीवित
ही लिखूंगा, कुछ
लोग उम्र
भर
अनवरत पत्थरों को तराशते -
हुए औरों की श्रद्धा को
अंजाम देते हैं,
वो जीवन
को
नया आयाम देते हैं - - - - - - -

* *
- - शांतनु सान्याल

    

3 टिप्‍पणियां:

अतीत के पृष्ठों से - - Pages from Past