31 अक्तूबर, 2020

स्थायी परमिट फिर कभी - -

धूल हटाने से नहीं बदलती
चेहरे की त्रिकोणमिति,
उम्र का प्रश्न पत्र
हल करने के
लिए
चाहिए अन्तर्मन का ऐनक,
तुम हो लो अवाक, मैं
ज़िंदा हूँ सम्प्रति,
लोग कहते हैं
युवाओं
का
काम है गपशप करना, मैं -
भी कहाँ अकेला हूँ
घण्टों बतियाती
हैं मुझसे
मेरी
ख़ूबसूरत स्मृति, झुर्रियों -
का जाल तुम्हारी
नज़र का है
धोखा,
बारहा
आईने को झांकना नहीं - -
मेरी संस्कृति,
वृद्धाश्रम
का
अग्रिम टिकट तुम काट - -
कर रखो ख़ुद के
लिए अपने
पास,
मैंने अभी तक तुम्हें इस - -  
घर में स्थायी रहने
की नहीं दी है
स्वीकृति,
मैं
वक़्त से ख़ुद को बदलने - -
का अर्ज़ी नहीं दूंगा,
दरवाज़ा खुला
हुआ है
तुम्हें
भविष्य के लिए ढेरों शुभेच्छा
व प्रीति ।
* *
- - शांतनु सान्याल

 














8 टिप्‍पणियां:

  1. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 2 नवंबर 2020) को 'लड़कियाँ स्पेस में जा रही हैं' (चर्चा अंक- 3873 ) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    --
    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

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  2. सशक्त भावाभिव्यक्ति..सकारात्मकता से भरपूर चिंतन ।

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  3. हृदय स्पर्शी सृजन सराहना से परे।
    सादर

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