20 अप्रैल, 2023

देह दान - -

स्मृतियाँ हैं ओस की बूंदें, उजाले में हो जाएंगी मृत,
देहदान के बाद जीवन किसी के साथ रहेगा जीवित,

ये सोच कर अच्छा लगता है कि किसी के काम आएं,
अंतिम प्रहर, इस देह मृत्तिका से कोई तो हो उपकृत,

कुछ ख़्वाब अधूरे हैं, मेरी आँखों से कोई और करे पूरा,
श्राद्ध के बदले, मेरे अपने क्यों न लगाएं छोटा दरख़्त,

अस्थियों के कंकाल से, भावी चिकित्सक लाभ उठाएं,
सतत करें संधान, सृष्टि के गर्भ में ही है विरल अमृत,

सभी उपहार समय के साथ, हो जाते हैं जीर्ण पुरातन,
सुख या दुःख हर वक़्त एक नन्हा पौधा करे वितरित,  
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- - शांतनु सान्याल

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