कुछ प्रतीक्षारत बौर, रहते हैं चिरंतन
सिरमौर, झरते नहीं कभी, चाहे
गुज़रें कितने ही काल -
वैशाखी, एक
अगोचर
दहन,
लिए जीवन, बढ़ता है नए क्षितिज की
ओर, कुछ शेष बसंत के रंग, कुछ
रंगीन पलों के मस्त मलंग,
उड़ते जाएं, सुदूर कुछ
अबीर रंगों के
पाखी, वो
थमते
नहीं कभी, चाहे गुज़रें कितने ही काल -
वैशाखी। अलस भरी दोपहरी, झरते
सेमल फूल के घूंघर, अनंत
संगीत स्रोत, माटी के
अंदर, कदाचित
बसता है
कोई
परजन्म का नगर, उन्मुक्त ह्रदय में है
मन्नतों का वृन्दावन, दुःख हो या
सुख, वो खेले होली आजीवन,
देह प्राण रंग जाए बार
बार, आए न किसी
तरह नज़र,
ह्रदय -
तीर में बसे वो अदृश्य नागर, अलस - -
भरी दोपहरी, झरते सेमल फूल
के घूंघर - -
* *
- - शांतनु सान्याल
27 मार्च, 2021
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दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट रचना आ0
जवाब देंहटाएंरंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं आ0
हृदय तल से आभार - - होली की शुभकामनाएं। anita _sudhir
हटाएंउत्कृष्ट रचना
जवाब देंहटाएंहृदय तल से आभार - - होली की शुभकामनाएं। Onkar
हटाएंकोमल भावों से युक्त रचना
जवाब देंहटाएंहृदय तल से आभार - - होली की शुभकामनाएं। Anita
हटाएंउन्मुक्त ह्रदय में है
जवाब देंहटाएंमन्नतों का वृन्दावन, दुःख हो या
सुख, वो खेले होली आजीवन,
सुंदर सृजन..
हृदय तल से आभार - - होली की शुभकामनाएं। विकास नैनवाल 'अंजान'
हटाएंउन्मुक्त ह्रदय में है
जवाब देंहटाएंमन्नतों का वृन्दावन, दुःख हो या
सुख, वो खेले होली आजीवन,
देह प्राण रंग जाए बार
बार, आए न किसी
तरह नज़र,
ह्रदय -
तीर में बसे वो अदृश्य नागर, अलस - -
भरी दोपहरी, झरते सेमल फूल
के घूंघर - -
हृदय तल से आभार - - होली की शुभकामनाएं। Jigyasa Singh
हटाएंसुंदर भावपूर्ण रचना ।
जवाब देंहटाएंहृदय तल से आभार - - होली की शुभकामनाएं। Jigyasa Singh
हटाएंबहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
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