29 मार्च, 2023

अपना अपना कयास - -

शून्यता की यात्रा अनंत
है एक गहनता का
एहसास, कभी
अनगिनत
हो कर
भी
कुछ भी नहीं अपने पास,

जीवन वृत्त घूमता रहता
है, अपने आप में
अंतर्लीन,
प्रणय
खोह
से हो कर हृदय खोजता
है हलकी
उजास,

ऋतुचक्र उतार लेता है
ऊंचे दरख़्तों के
हरित पोशाक,
झुर्रियों के
उभरते
ही,
चेहरे से रूठ जाता है
मधुमास,

जनस्रोत में रह कर भी
आदमी होता है
बेहद निःसंग,
दरअसल
अपने
आप से ही नहीं मिलता
हमें अवकाश,

कौन किस का दुःख दर्द
बांटे सभी हैं व्यस्त
प्रतियोगी, इक
हल्की से
लकीर
है
धूप छांव के बीच जीने की
आस,
* *
- - शांतनु सान्याल
 

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 30 मार्च 2023 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरुवार (30-03-2023) को   "रामनवमी : श्रीराम जन्मोत्सव"   (चर्चा अंक 4651)  पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    श्री राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. जीवन की वास्तविकता बताती सुंदर रचना।

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