उस अदृश्य कुम्हार के दिल में,
जाने क्या था फ़लसफ़ा,
चाहतों के खिलौने
टूटते रहे,
सजाया
उन्हें
जितनी दफ़ा, वो दोपहर की - -
धूप थी कोई मुंडेरों से
जाने कब उतर
गई, बेवजह
ही
तितलियों के रेशमी लम्स - - -
सीने से लगाए रखा,
कोई नजूमी था,
आधी रात,
देता
रहा ख़्वाबों को दस्तक, कच्चे
घड़े की हिसाबदारी कौन
करे, नुक़्सां हो या
नफ़अ, वक़्त
के सलीब
से
उतरा हूँ कई बार यूँ हैरत से न -
देखिए, अनगिनत हबीब
हैं मेरे जो आस्तीं में
रह कर देते
रहे दग़ा,
रंगमंच वही है प्रस्तरयुगीन, बस
मंज़र बदल जाते हैं, इन
चमकती हुई रंगीन
रौशनी में कौन
पराया कौन
सगा, उस
अदृश्य
कुम्हार के दिल में, जाने क्या था
फ़लसफ़ा।
* *
- - शांतनु सान्याल
03 फ़रवरी, 2021
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सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2028...कलेंडर पत्र-पत्रिकाओं में सिमट गया बसंत...) पर गुरुवार 04 फ़रवरी 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत ही सुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत बहुत प्रशंसनीय
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंसुंदर, कोमल रचना...🌹🙏🌹
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंवाह,बहुत ही सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंशानदार👌
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंलाजबाब सृजन ,सादर नमन आपको
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएं"रंगमंच वही है प्रस्तरयुगीन, बस
जवाब देंहटाएंमंज़र बदल जाते हैं, इन
चमकती हुई रंगीन
रौशनी में कौन
पराया कौन
सगा, उस
अदृश्य
कुम्हार के दिल में, जाने क्या था
फ़लसफ़ा।"
--
बहुत बेहतरीन।
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंसृजक के दिल में सदा सृजन की चाह
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत ही खूबसूरत सृजन
जवाब देंहटाएंसुंदर शब्द संयोजन
बधाई
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंरंगमंच वही है प्रस्तरयुगीन, बस
जवाब देंहटाएंमंज़र बदल जाते हैं, इन
चमकती हुई रंगीन
रौशनी में कौन पराया कौन सगा,
वाह ! बेहतरीन !
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
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