सरे बज़्म में हम, बहुत अकेले से -
रह गए, अनकहे लफ्ज़, ओठों
पे कांपते से रह गए, गहरे
भंवरजाल में था कहीं,
उसका पता,
ताउम्र
मिलने की चाह में, खड़े से रह गए,
न जाने कितने मुसाफ़िर गुज़रे
हैं यहाँ से, बुर्ज़ फ़ानूस की
तरह, हम देखते से
रह गए, यूँ तो
ज़माने
का रुख़, तूफ़ां से कम न था, ता'जुब
है चिराग़े दिल, जलते से रह गए,
हमारे तरकश में भी, तीरों
की कमी न थी, चौखट
में आ कर क़दम
निकलते
से रह गए, चौराहे का शाही तमाशा,
हमें कभी मंज़ूर न था, तमाशाई
की तरह, ख़ामोश चीखते
से रह गए, आज हो
या कल, हर
युग में
रहेंगे ये बहुरूपी, अनबूझ से हैं
रौशन फ़िक्र, सुलगते
से रह
गए।
* *
- - शांतनु सान्याल
23 फ़रवरी, 2021
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चौराहे का शाही तमाशा,
जवाब देंहटाएंहमें कभी मंज़ूर न था, तमाशाई
की तरह, ख़ामोश चीखते
से रह गए, आज हो
या कल, हर
युग में
रहेंगे ये बहुरूपी, अनबूझ से हैं रौशन
फ़िक्र, सुलगते
से रह
गए।..बहुत खूब..सच में कभी-कभी न चाहते हुए भी हमें चुप रह जाना पड़ता है..
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंज़माने
जवाब देंहटाएंका रुख़, तूफ़ां से कम न था, ता'जुब
है चिराग़े दिल, जलते से रह गए,
हमारे तरकश में भी, तीरों
की कमी न थी, चौखट
में आ कर क़दम
निकलते
से रह गए ।
खूबसूरत ग़ज़ल
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 23 फरवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंयूँ तो ज़माने का रुख़ तूफ़ां से कम न था,
जवाब देंहटाएंता'जुब है चिराग़े दिल, जलते से रह गए,
निशब्द करता है आपका प्रभावी लेखन |शांतनु जी | हर भाषा पर आपका अधिकार और कल्पनाशीलता की असीम सीमायें मन में विस्मय भरती है |सादर शुभकामनाएं|
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंचौराहे का शाही तमाशा,
जवाब देंहटाएंहमें कभी मंज़ूर न था, तमाशाई
की तरह, ख़ामोश चीखते
से रह गए
ख़ामोशी की भी अपनी चीख होती है -सच कहा है आपने ,.
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंगहन भावनाओं को चित्रण करती सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएं, यूँ तो
जवाब देंहटाएंज़माने
का रुख़, तूफ़ां से कम न था, ता'जुब
है चिराग़े दिल, जलते से रह गए, बेहद खूबसूरत रचना 👌
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
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