ईमां ए इश्क़ में न जाने हम, कहाँ
कहाँ से गुज़रे, राह ए सोज़ां
में भटके, कभी कहकशां
से गुज़रे, वो जुनूँ,
जो ले जाए
रूह तक,
क़ाब ए बदन से, उसे छूने की चाह
में, बातिल ए आसमां से गुज़रे,
न ज़मीं में थी राहत, न
ख़ुलूस था अफ़सानों
में, हर क़दम पे
था फ़रेब
मबहम जहाँ जहाँ से गुज़रे, निजात
भी थी बेमानी, बेमुराद थे
ज़िन्दान भी, उम्र भर
न जाने हम कितने
ही इम्तहां से
गुज़रे,
कभी कठपुतलियों की तरह, शिफर
पे डोलते रहे, कभी आँखों में
पट्टी बांधे, जिस्म ओ जां
से गुज़रे, बहुत दूर
उफ़क़ पार थीं,
सभी
उजालों के बस्तियां, इक बूंद की
चाह में, तमाम रात, रेगिस्तां
से गुज़रे, इस दौर के
रहनुमाओं का
अंदाज़े
फिक्र क्या कहिए, इक ज़िन्दगी की
तलाश में ताउम्र क़ब्रिस्तां से
गुज़रे, बिखरे पड़े थे
सूखे पत्तों के
साथ, इक
बेक़रां
ख़मोशी, कहने को बारहा, तेरी - -
निगाह के गुलिस्तां से
से गुज़रे।
* *
- - शांतनु सान्याल
अर्थ :
ईमां ए इश्क़ - प्रेम का ईमान
राह ए सोज़ां - सुलगते राह
कहकशां - आकाशगंगा
जुनूँ - पागलपन
क़ाब ए बदन - देह का फ्रेम
बातिल ए आसमां - आकाश का ख़ालीपन
ज़िन्दान - बंदी
ख़ुलूस - शांति
बेक़रां - अथाह
24 फ़रवरी, 2021
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इक बूंद की
जवाब देंहटाएंचाह में, तमाम रात, रेगिस्तां
से गुज़रे, इस दौर के
रहनुमाओं का
अंदाज़े
फिक्र क्या कहिए, इक ज़िन्दगी की
तलाश में ताउम्र क़ब्रिस्तां से
गुज़रे
न जाने कहाँ कहाँ से गुजरे । बहुत खूब ग़ज़ल कही है ।
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंसुन्दर भावों से सजी बेहतरीन रचना।
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंवाह शांतनु जी, वो जुनूँ,
जवाब देंहटाएंजो ले जाए
रूह तक,
क़ाब ए बदन से, उसे छूने की चाह
में, बातिल ए आसमां से गुज़रे...बहुत खूब लिखा
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (२५-०२-२०२१) को 'असर अब गहरा होगा' (चर्चा अंक-३९८८) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबेहद हृदयस्पर्शी रचना
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंसुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत खूब शांतनु जी ।
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत खूब,लाज़बाब रचना,सादर नमन
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंउम्दा प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
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