अदृश्य स्वर भिक्षां देहि, अगोचर रूप
दशासन, जीवन लाँघ जाए सभी
रेखाएं, प्रथम पंक्ति का वो
है प्यादा, उसका जीना
क्या और मरना
क्या, शून्य
जगत
के
वो बासिन्दे, अग्नि वलय चारों तरफ
उठता धुआं चहुँ दिशाएं, शून्य
विकल्प में जीवन लाँघ
जाए सभी रेखाएं।
पाप पुण्य का
तराज़ू लिए
बैठा
रहे अपनी जगह, प्रच्छन्न विचारक,
अस्तित्व बचाने के समर में
निःशस्त्र चरित्र लाँघ
जाए सभी वैध -
अवैध, दूर
या पास
की
सीमाएं, सही ग़लत का हिसाब रहे
अपनी जगह, उत्तरजीविता
के आगे बदल जाती
हैं, सभी धर्म -
अधर्म की
मानव
निर्मित परिभाषाएं, अदृश्य स्वर -
भिक्षां देहि, अगोचर रूप
दशासन, जीवन
लाँघ जाए
सभी
रेखाएं - - - -
* *
- - शांतनु सान्याल
18 फ़रवरी, 2021
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जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार,
आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 19-02-2021) को
"कुनकुनी सी धूप ने भी बात अब मन की कही है।" (चर्चा अंक- 3982) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत सुन्दर और सारगर्भित रचना।
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंमानव
जवाब देंहटाएंनिर्मित परिभाषाएं, अदृश्य स्वर -
भिक्षां देहि, अगोचर रूप
दशासन, जीवन
लाँघ जाए
सभी
रेखाएं - - - -
सीमा रेखा समझ आ जाये तो बात ही क्या । सुंदर प्रस्तुति ।
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंसारगर्भित एवं सार्थक प्रश्न उठाती सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत बहुत सुंदर सराहनीय रचना
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंदर्शन और अध्यात्म कर आज के परिप्रेक्ष्य में बदलता अर्थ।
जवाब देंहटाएंगहन विचारों वाली सुदृढ़ सृजन।
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंउत्तरजीविता
जवाब देंहटाएंके आगे बदल जाती
हैं, सभी धर्म -
अधर्म की
मानव
निर्मित परिभाषाएं...
जीवनदर्शन से परिपूर्ण बहुत सुंदर रचना... 🌹🙏🌹
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत ही सुंदर सृजन आदरणीय ,सादर नमन
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर रचना .
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
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