किसी अंध मोह के लिए मैं धृतराष्ट्र
नहीं बन सकता, साथ चलना
हो ग़र तुम्हें, उतार फेंकों
अंधकार की पट्टी,
ये पथ है शूलों
से भरा, ये
कोई
अंतःपुर नहीं है, अनायास ही हर एक
बात पर हामी न भरो, एक बार
नहीं हज़ार बार, अधर्म का
प्रतिकार करो, अपने
अंतर्मन के प्रश्नों
को अनवरत
धारदार
करो,
सत्य का स्वाद माना कि मधुर नहीं
है, ये पथ है शूलों से भरा, ये कोई
अंतःपुर नहीं है। मुझे नहीं
चाहिए सामूहिक आत्म -
हनन का रास्ता
अंतिम सांस
तक मैं
अन्याय का प्रतिवाद करूंगा, मृत्यु
को आने दो प्रकृत रूप से, जीने
के लिए ज़रूरी नहीं कि आँख
मूँद कर हर एक शर्त को
स्वीकार कर लिया
जाए, विवेक
के पत्थर
को
हर हाल में सान दूंगा, माना की - -
इस पथ पर चलना कठिन
है लेकिन दूभर नहीं
है, ये पथ है
शूलों से
भरा, ये कोई अंतःपुर नहीं है, सत्य
का स्वाद माना कि मधुर
नहीं है।
* *
- - शांतनु सान्याल
18 अगस्त, 2021
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बहुत अच्छी अभिव्यक्ति है यह शांतनु जी आपकी। मैं बस इतना ही कहूंगा कि अगर दूभर भी हो इस पथ पर चलना तो भी चलने वाले चलते हैं और इसी कारण से यह संसार अभी तक नष्ट होने से बचा हुआ है।
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 19 अगस्त 2021 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
आपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंबहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंजीने के लिए ज़रूरी नहीं कि आँख मूँद कर हर एक शर्त को स्वीकार कर लिया जाए"
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
आपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंबहुत सुंदर! जीवन मूल्यों का मूल्याकंन करती रचना ।
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने धृतराष्ट्र जैसा जीवन सिर्फ प्रश्न के घेरे में रहता है अस्तित्व विहीन।
आपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंसारगर्भित सृजन । जीवन संदर्भ का सुंदर चिंतन।
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंजीवन मूल्यों को दर्शाती सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंवाह!हमेशा की तरह लाज़वाब सृजन।
जवाब देंहटाएंसादर
आपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
जवाब देंहटाएंजीने
जवाब देंहटाएंके लिए ज़रूरी नहीं कि आँख
मूँद कर हर एक शर्त को
स्वीकार कर लिया जाए
बहुत सुंदर रचना। गहन विचारों को राह देते हुई सभी पंक्तियाँ।
आपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
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