नीरवता की उस निःशब्द भाषा में नदी
खोजती है, मुहाने तक पहुँचने का
रास्ता, विशाल लवणीय समुद्र
को छूते ही छूट जाते हैं
बहुत पीछे, गाँव,
देवल, घाट
की टूटी
सीढ़ियां, दूर तक किसी से नहीं रहता - -
है कोई वास्ता, उन निमग्न पलों
में नदी खोजती है, गहराइयों
में उतरने का रास्ता।
अधूरे सपनों की
तरह तकते
हैं दोनों
पार के तटबंध, किनारे खड़े अर्ध नग्न
बच्चों की आँखों में उभरते हैं, कुछ
रंगीन गुब्बारे, न जाने क्या
तलाशते हैं, वो मेरे वक्ष
के अंदर, धूसर
आईने में
नहीं
उतरते हैं सुबह के सितारे, वो डूब जाते
हैं वहीँ अपने उसी जन्म स्थान के
किनारे, निर्ममता से समय
उड़ा देता है उन मासूम
हाथों से सभी रंग
बिरंगे गुब्बारे।
उस निर्जन
द्वीप
में नदी करती है उस प्रकाश स्तम्भ से
बातें, जो खंडित हो कर भी दिखाता
है, न जाने किस जहाज को
बंदरगाह का ठिकाना,
सुदूर ईशान कोण
में उड़ चले हैं
सारस के
झुंड,
मेरी नियति में है, सिर्फ़ पहाड़ से उतर
कर, गहन नील स्रोत में विलीन
हो जाना, सहस्त्र बिंदुओं में
है कहीं मेरा क्षण भर
का ठिकाना।
* *
- - शांतनु सान्याल
09 जनवरी, 2021
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सुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंह्रदय तल से आभार - - नमन सह।
हटाएं
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
10/01/2021 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
ह्रदय तल से आभार - - नमन सह।
हटाएंहमेशा की तरह, उत्कृष्ठ और भावपरक रचना।
जवाब देंहटाएंह्रदय तल से आभार - - नमन सह।
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना आज शनिवार 9 जनवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन " पर आप भी सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद! ,
ह्रदय तल से आभार - - नमन सह।
हटाएंह्रदय तल से आभार - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सराहनीय रचना |
जवाब देंहटाएंह्रदय तल से आभार - - नमन सह।
हटाएंउस निर्जन
जवाब देंहटाएंद्वीप
में नदी करती है उस प्रकाश स्तम्भ से
बातें, जो खंडित हो कर भी दिखाता
है, न जाने किस जहाज को
बंदरगाह का ठिकाना
बहुत सुंदर, प्रभावी अभिव्यक्ति 🌹🙏🌹
ह्रदय तल से आभार - - नमन सह।
हटाएंह्रदय तल से आभार - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंनदी के अंतर्द्वंद के माध्यम से गहन भावों का शानदार सृजन।
जवाब देंहटाएंह्रदय तल से आभार - - नमन सह।
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