हर एक को ख़ुश करना बहुत
ही है मुश्किल, कहीं ख़्याल
मिल भी जाएँ, तो
आसां नहीं
तबियत
का
मिलना, इस मीनाबाज़ार में हैं,
हर चीज़ की आमद, चंद
सिक्कों के एवज
जिस्म ओ जां
है यहाँ
मय्यसर, लेकिन मुश्किल है -
बहोत, सिर्फ़ मुहोब्बत
का मिलना, वक़्त
नहीं रुकता
बहे
जाता है, सुदूर ढलानों से होकर
मुहानों के सिम्त, बड़ी
देर से हूँ मुख़ातिब,
क्यूँ आईना की
तरह देखते
हो मुझे
तुम,
कैसे समझाऊं, बहुत ही कठिन -
है, पुराने सूरत का मिलना,
हासिए की सीमाएं,
अब ढलते धूप
में बढ़ाने से
क्या
फ़ायदा, ज्वार के साथ भाटे का
रहना है स्वाभाविक, हर
शख़्स के फ़ेहरिस्त
में, तरजीह के
पैमाने एक
नहीं
होते, मुश्किल है हर एक दिल से
अहमियत का
मिलना।
* *
- - शांतनु सान्याल
20 जनवरी, 2021
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हर
जवाब देंहटाएंशख़्स की फ़ेहरिस्त
में, तरजीह के
पैमाने एक
नहीं
होते, मुश्किल है हर एक दिल से
अहमियत का
मिलना।
सत्य वचन ...जीवन के उतार-चढ़ाव , ऊँच-नीच का भान कराती सशक्त लेखनी है सर आपकी ! सदैव की भांति गहन चिंतन लिए सुन्दर सृजन ।
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंबहुत सारगर्भित रचना।
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब
"मुश्किल है हर एक दिल से
अहमियत का
मिलना।"
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंजीवन दर्शन।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन सर।
सादर प्रणाम।
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंकभी-कभी सभी को खुश करने के चक्कर में बहुतेरे नाखुश भी हो जाते हैं ! सच्चाई बयान करती रचना
जवाब देंहटाएंदिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंहर एक को ख़ुश करना बहुत
जवाब देंहटाएंही है मुश्किल, कहीं ख़्याल
मिल भी जाएँ, तो
आसां नहीं
तबियत
का
मिलना
बहुत खूब.....
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
हटाएंजीवन की विसंगतियों के अजीब से मोह जाल को दर्शाती सार्थक रचना।
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन।
दिल की गहराइयों से शुक्रिया - - नमन सह।
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