फिर आज हूँ मैं, बिखरने को आमादा,
कह भी जाओ, जो कुछ भी हो
दिल में तुम्हारे, क़िस्तों
में न जलाओ यूँ
रूह ए शमा,
ऐ दोस्त,
बाकामिल, फिर आज हूँ मैं, सुलगने -
को आमादा, न उतारो मुझे यूँ
बारहा दर्द ए सलीब से,
रहने दो मुझे यूँ ही
अनदेखा
अपनी आँखों में कहीं, उम्र भर के लिए,
फिर आज हूँ मैं, बेक़रार तुम्हारे
दिल में, यूँ ठहरने को
आमादा - -
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjbctw3DVbot1bfjJhX6Csd0fO0P5yIIo8zr4P99i2Y1O1WhL15osynAWlxaXG05fqi29Gi0r8S2kiO511o6AuqFhjSQZ3gHqB1mJSXT9n7dmDTAtrRhUpImJ634QnS2xAJHSyPiyzVYaI/s400/TulipCollage.JPGart by A.B.Deneweth
कह भी जाओ, जो कुछ भी हो
दिल में तुम्हारे, क़िस्तों
में न जलाओ यूँ
रूह ए शमा,
ऐ दोस्त,
बाकामिल, फिर आज हूँ मैं, सुलगने -
को आमादा, न उतारो मुझे यूँ
बारहा दर्द ए सलीब से,
रहने दो मुझे यूँ ही
अनदेखा
अपनी आँखों में कहीं, उम्र भर के लिए,
फिर आज हूँ मैं, बेक़रार तुम्हारे
दिल में, यूँ ठहरने को
आमादा - -
* *
- शांतनु सान्याल
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thanks a lot respected friend - - happy new year to all
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