बहोत कुछ कहने की चाह में कुछ
भी न उनसे कहा गया, सिर्फ़
निगाहों में छुपाये दर्द -
ए किताब, हम
उन्हें
देखते रहे, ख़ुदा जाने, वो आँखों की
ज़ुबां जानते भी हैं या नहीं,
लोग कहते हैं इश्क़
में, दिल की
बात
ख़ुश्बुओं में ढल जाती है, शायद - -
उन्हें भीगे अहसास ने छुआ
हो कहीं, कि लौटतीं
ख़ामोश सदाओं
को हर्फ़
ए ज़िन्दगी मिले, नज़रअंदाज़ बुतों
को जज़्बात ए बंदगी मिले - -
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
art by ChristineTidwell
भी न उनसे कहा गया, सिर्फ़
निगाहों में छुपाये दर्द -
ए किताब, हम
उन्हें
देखते रहे, ख़ुदा जाने, वो आँखों की
ज़ुबां जानते भी हैं या नहीं,
लोग कहते हैं इश्क़
में, दिल की
बात
ख़ुश्बुओं में ढल जाती है, शायद - -
उन्हें भीगे अहसास ने छुआ
हो कहीं, कि लौटतीं
ख़ामोश सदाओं
को हर्फ़
ए ज़िन्दगी मिले, नज़रअंदाज़ बुतों
को जज़्बात ए बंदगी मिले - -
* *
- शांतनु सान्याल
art by ChristineTidwell
दिल को छूते अहसास...बहुत भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंthanks a lot all respected friends - - have a nice time
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