कुछ दर्द ख़ुसूसी, न पूछ ऐ हमनशीं, -
बाहिजाब रहने दे, ये दिल की
ख़ूबसूरती, न कर
बेनक़ाब -
यूँ सरे
महफ़िल, बस अभी अभी तो ज़िन्दगी
ने सीखा है मुस्कुराना,अभी अभी,
तेरी निगाहों में हमने देखी
है इक उभरती ख़ुशी !
कुछ और बढ़े
दिल की
कशिश, कुछ दूर तो चले ख़ुमार ए -
नज़दीकी, अभी अभी तो जले
हैं शाम ए चिराग़, हाले
दिल न पूछ मुझसे
से, कि अभी
ये रात
है बहोत बाक़ी, अभी तक मेरी साँसों
में है किसी की याद बाक़ी !
* *
- शांतनु सान्याल
अर्थ -
ख़ुसूसी - व्यक्तिगत
बाहिजाब - परदे के साथ
ख़ुमार - नशा
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
floral watercolor-paintings-xie-ming-chang
बाहिजाब रहने दे, ये दिल की
ख़ूबसूरती, न कर
बेनक़ाब -
यूँ सरे
महफ़िल, बस अभी अभी तो ज़िन्दगी
ने सीखा है मुस्कुराना,अभी अभी,
तेरी निगाहों में हमने देखी
है इक उभरती ख़ुशी !
कुछ और बढ़े
दिल की
कशिश, कुछ दूर तो चले ख़ुमार ए -
नज़दीकी, अभी अभी तो जले
हैं शाम ए चिराग़, हाले
दिल न पूछ मुझसे
से, कि अभी
ये रात
है बहोत बाक़ी, अभी तक मेरी साँसों
में है किसी की याद बाक़ी !
* *
- शांतनु सान्याल
अर्थ -
ख़ुसूसी - व्यक्तिगत
बाहिजाब - परदे के साथ
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