उन बनफ़शी लम्हों का जादू और
तेरी निगाहों में अक्स मेरा,
फिर धुंध भरी राहों में
खो जाने को दिल
चाहता है,
कोई
ख़ुश्बू जो भर जाए साँसों में इक -
अहसास ए ताज़गी, ज़िन्दगी
फिर लगे बामानी ओ
ख़ूबसूरत, फिर
तेरी बज़्म
ए गुल
में जाने को दिल चाहता है, ख्वाब
ही सही न तोड़ ये रंगीन वहम
मेरा, फिर ख़ुद से निकल
तेरे वजूद में दाख़िल
होने को दिल
चाहता
है - -
* *
- शांतनु सान्याल
बनफ़शी - बैगनी रंग
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
blue beauty 1
तेरी निगाहों में अक्स मेरा,
फिर धुंध भरी राहों में
खो जाने को दिल
चाहता है,
कोई
ख़ुश्बू जो भर जाए साँसों में इक -
अहसास ए ताज़गी, ज़िन्दगी
फिर लगे बामानी ओ
ख़ूबसूरत, फिर
तेरी बज़्म
ए गुल
में जाने को दिल चाहता है, ख्वाब
ही सही न तोड़ ये रंगीन वहम
मेरा, फिर ख़ुद से निकल
तेरे वजूद में दाख़िल
होने को दिल
चाहता
है - -
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- शांतनु सान्याल
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