उस मोड़ पे अब तलक हैं बिखरे
गुलमोहरी यादों के निशां,
कुछ मुस्कुराहटों के
ख़ुश्बू, और
एक
मुश्त खुला आसमां, तलाशती -
हैं बेचैन निगाहें उजली
रातों की कहानियां,
कुछ तुम्हारे इश्क़
का वहम,
कुछ
मेरी रूह की परछाइयां, न जाने
किस जानिब तुम गए मुड़,
न जाने किस ओर थी
मेरी मंज़िल, आज
भी हैं मुंतज़िर
मेरी साँसें,
आज
भी है बेक़रार, तुम्हारे लिए मेरा
दिल - -
* *
- शांतनु सान्याल
मुंतज़िर - इंतज़ार में
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
art by norma wilson
गुलमोहरी यादों के निशां,
कुछ मुस्कुराहटों के
ख़ुश्बू, और
एक
मुश्त खुला आसमां, तलाशती -
हैं बेचैन निगाहें उजली
रातों की कहानियां,
कुछ तुम्हारे इश्क़
का वहम,
कुछ
मेरी रूह की परछाइयां, न जाने
किस जानिब तुम गए मुड़,
न जाने किस ओर थी
मेरी मंज़िल, आज
भी हैं मुंतज़िर
मेरी साँसें,
आज
भी है बेक़रार, तुम्हारे लिए मेरा
दिल - -
* *
- शांतनु सान्याल
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