जां से बढ़ कर तेरी चाहत, न कर -
जाए मुझे बर्बाद, रहने भी दे
कुछ तो भरम, कि
टूटने के बाद
कोई
सदमा न हो, डरता हूँ तेरी इस - -
बेइंतहा वफ़ा से, कहीं हो
न जाऊं मैं ख़ुद से
बदगुमां, वो
अक़ीदा
जो बुत को बनाए ख़ुदा, फ़लसफ़ों
की बात है, कि रहने दे मुझे
ज़ेर ख़ाक, वही तो है
आख़री मंज़िल
मेरी, इतनी
मुहोब्बत ठीक नहीं, जिस्म तो है
फ़ानी और रूह आज़ाद, न
बाँध मुझे अपनी
निगाहों में
इस क़दर, कि रूह बन जाए न कहीं
अज़ाब - -
* *
- शांतनु सान्याल
अज़ाब - शाप
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
Blue Hydrangeas 1
जाए मुझे बर्बाद, रहने भी दे
कुछ तो भरम, कि
टूटने के बाद
कोई
सदमा न हो, डरता हूँ तेरी इस - -
बेइंतहा वफ़ा से, कहीं हो
न जाऊं मैं ख़ुद से
बदगुमां, वो
अक़ीदा
जो बुत को बनाए ख़ुदा, फ़लसफ़ों
की बात है, कि रहने दे मुझे
ज़ेर ख़ाक, वही तो है
आख़री मंज़िल
मेरी, इतनी
मुहोब्बत ठीक नहीं, जिस्म तो है
फ़ानी और रूह आज़ाद, न
बाँध मुझे अपनी
निगाहों में
इस क़दर, कि रूह बन जाए न कहीं
अज़ाब - -
* *
- शांतनु सान्याल
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