Friday, 14 February 2014
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अतीत के पृष्ठों से - -
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बिन कुछ कहे, बिन कुछ बताए, साथ चलते चलते, न जाने कब और कहाँ निःशब्द मुड़ गए वो तमाम सहयात्री। असल में बहुत मुश्किल है जीवन भर का साथ न...
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वो किसी अनाम फूल की ख़ुश्बू ! बिखरती, तैरती, उड़ती, नीले नभ और रंग भरी धरती के बीच, कोई पंछी जाए इन्द्रधनु से मिलने लाये सात सुर...
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ख़्वाहिशों का यूँ भी कोई किनारा नहीं होता, इक बेमौज नदी है, कोई बेसदा बहती हुई - डूबनेवाले का यहाँ कोई भी सहारा नहीं होता। जब आग लगी...
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कुछ कच्चे ख़्वाब टूट जाते हैं सुबह से पहले, और कुछ तपते हैं उम्र भर, फिर भी कहीं न कहीं सूरज से शिकायत रह जाती है दिल ही दिल में, काश ! न...
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ख़याल कि छूट न जाएँ हम कहीं दुनिया की भीड़ में खुद से बाहर कभी,यूँ निकल ही न सके / आधी रात किसी ने दी है, कांपती हाथों से दस्तक सांस...
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एक अजीब सी लाजवंती कशिश है हवाओं में, फिर खिल उठे हैं पलाश सुदूर मदभरी फ़िज़ाओं में। यूँ तो ज़िन्दगी में उधेड़बुन कुछ कम नहीं, फिर भी ब...
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दूर तक वही बियाबां, वही अंतहीन शून्यता, प्रतिध्वनियों का इंतज़ार अब बेमानी है, जो कभी था चिड़ियों के कलरव से आबाद, वो गूलर का पेड़ अब क...
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सभी को चाहिए कहीं न कहीं कुछ पल सुकून भरा, कुछ महकते हुए दिन कुछ खिलती हुईं रातें, कुछ ख़ालिस अपनापन, कुछ ख़ामोश निगाहों की बातें। सभी...
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हम यूँ ही अपने आप में रूह ए जज़्ब थे, न जाने किस मोड़ पे, आप साथ हो लिए। सुरमयी कोई शाम थी या मख़मली रात, न जाने - किस पल दिल अपना हम खो द...
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उभरती हैं कुछ डूबती यादें, संग ए साहिल की तरह, कुछ उजले - उजले से हैं, भूले - बिसरे चेहरे, कुछ मद्धम - मद्धम , मीठे दर्द ए दिल की तरह। क...

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