रहने भी दे बरक़रार ये वहम ख़ूबसूरत,
न उठा अभी से राज़ ए चिलमन !
ये सफ़र है बहोत तवील,
दुश्वारियां भी कम 
नहीं, किसे 
है फ़ुरसत कि देखें आईने में अक्स - - 
गुमशुदा, हर शख्स की अपनी 
है तरजीह फ़ेहरिस्त !
न जाने किस 
मरहले 
पे है तेरी मुहोब्बत खड़ी, लिए सीने पे 
इंतज़ार मख़सूस - - 
* * 
unknown source 12
रुख से मुत्तसिर मगर ग़म से सामना नहीं होता..,
जवाब देंहटाएंवर्ना आदमकद के मुक़ाबिल आइना नहीं होता.....?
thanks respected friend - -
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