20 जुलाई, 2023

शाप मुक्त - -

वो अहसास जिसमें तू है शामिल
किसी चिरस्थायी ख़ुश्बू की
तरह, वो दग्ध भावना
जिसे तू कर जाए
सजल एक
बूँद -
ओस की तरह, वो अनुभूति काश
पा जाए जीवन, जिसमें हों
तेरी आँखों से झरती
आलोक सुधा
की -
शीतलता, वो अंतर्मन की गहराई
जिसमें हो तेरे प्रणय की
अथाह गहनता, हो
जाएँ जिसके
स्पर्श
से शाप मुक्त, जीवन की समस्त
अज्ञानता - -

* *
- शांतनु सान्याल  



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