बहुत कुछ कहना था उसके जाने के बा'द हाल ए दिल याद आया,
जब मझधार में डूबी चाहतों की कश्ती तब संग ए साहिल याद आया,
किस ने किस को दर किनार किया अब सोचने से फ़ायदा कुछ नहीं,
शीशा ए ख़्वाब टूटते ही, हद ए नज़र वो गुज़िश्ता कल याद आया,
वो मुहोब्बत जो रूह की गहराइयों तक पहुंचाए अमन की ने'मत,
आइने में अक्स लगे धुंधला सा तब ज़िंदगी का हासिल याद आया,
- - शांतनु सान्याल
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 21 दिसंबर 2023 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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वाह
जवाब देंहटाएंवाह! लाजवाब!!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना
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