ज़िन्दगी में कई बार यूँ भी होता है,
जिन्हें हम ग़ैर समझते हैं
वही शख़्स दिल के
बहुत नज़दीक
होता है,
दरअसल जौहरी की नज़र चाहिए,
रौशनाई की असलियत
जानने के लिए, इक
नज़र में पीतल
भी, सोने
के बहुत क़रीब होता है, उनकी - -
मुस्कान है बहुत पुरअसरार,
हक़ीक़त जानना नहीं
आसां, कि दिल
में छुपा
है क्या, असल में लकीर ए फ़रेब
बहुत बारीक होता है, जिन्हें
हम ग़ैर समझते हैं
वही शख़्स
दिल के
बहुत नज़दीक होता है - - - - - - - !
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.in/
beyond the dream
जिन्हें हम ग़ैर समझते हैं
वही शख़्स दिल के
बहुत नज़दीक
होता है,
दरअसल जौहरी की नज़र चाहिए,
रौशनाई की असलियत
जानने के लिए, इक
नज़र में पीतल
भी, सोने
के बहुत क़रीब होता है, उनकी - -
मुस्कान है बहुत पुरअसरार,
हक़ीक़त जानना नहीं
आसां, कि दिल
में छुपा
है क्या, असल में लकीर ए फ़रेब
बहुत बारीक होता है, जिन्हें
हम ग़ैर समझते हैं
वही शख़्स
दिल के
बहुत नज़दीक होता है - - - - - - - !
* *
- शांतनु सान्याल
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