अपठित पृष्ठों में कहीं मयूर पंख
की तरह, बाट जोहती सी
ज़िन्दगी, किसी
रुमाल के
कोने
में रेशमी धागों के मध्य, अदृश्य
महकती सी ज़िन्दगी, न
जाने कितने रंग
समेटे है ये
जीवन,
कभी ग्रीष्मकालीन अरण्य नदी -
की तरह, अपने किनारों को
समेटती ज़िन्दगी, कभी
सीने में ओस बूंद
लिए, कांटों
से उभरती हुई सी ज़िन्दगी, अपठित
पृष्ठों में कहीं मयूर पंख की
तरह, बाट जोहती सी
ज़िन्दगी - -
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.in/
valentine flowers card
की तरह, बाट जोहती सी
ज़िन्दगी, किसी
रुमाल के
कोने
में रेशमी धागों के मध्य, अदृश्य
महकती सी ज़िन्दगी, न
जाने कितने रंग
समेटे है ये
जीवन,
कभी ग्रीष्मकालीन अरण्य नदी -
की तरह, अपने किनारों को
समेटती ज़िन्दगी, कभी
सीने में ओस बूंद
लिए, कांटों
से उभरती हुई सी ज़िन्दगी, अपठित
पृष्ठों में कहीं मयूर पंख की
तरह, बाट जोहती सी
ज़िन्दगी - -
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.in/
valentine flowers card
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें