रहने दे मुझे गुमशुदा ख़्वाबों की
ज़मीं पे, कुछ देर ही सही
झुलसती रूह को
राहत ए जां
मिले,
हर शख़्स यहाँ मबहम सा लगे,
किस पे यक़ीं करें, चेहरे पे
चस्प हैं जैसे रंगीन
मुखौटे, ऊपर
से हैं सभी
वादी ए गुल, अन्दर से लेकिन -
ख़ारदार रेगिस्ताँ मिले,
बहोत मुश्किल
है संदली
अहसास को छूना, वादी ए सकूं
की तलाश में, हर इक
क़दम पे मख़फ़ी
आतिशफ़िशां
मिले !
* *
- शांतनु सान्याल
अर्थ -
मबहम - रहस्यमय
ख़ारदार - कँटीले
संदली - चन्दन की तरह
मख़फ़ी - छुपे हुए
आतिशफ़िशां - ज्वालामुखी
वादी ए सकूं - शांत घाटी
http://sanyalsduniya2.blogspot.in/
Sweet realization
ज़मीं पे, कुछ देर ही सही
झुलसती रूह को
राहत ए जां
मिले,
हर शख़्स यहाँ मबहम सा लगे,
किस पे यक़ीं करें, चेहरे पे
चस्प हैं जैसे रंगीन
मुखौटे, ऊपर
से हैं सभी
वादी ए गुल, अन्दर से लेकिन -
ख़ारदार रेगिस्ताँ मिले,
बहोत मुश्किल
है संदली
अहसास को छूना, वादी ए सकूं
की तलाश में, हर इक
क़दम पे मख़फ़ी
आतिशफ़िशां
मिले !
* *
- शांतनु सान्याल
अर्थ -
मबहम - रहस्यमय
ख़ारदार - कँटीले
संदली - चन्दन की तरह
मख़फ़ी - छुपे हुए
आतिशफ़िशां - ज्वालामुखी
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