26 अप्रैल, 2013

कोई ख़्वाब भीगा - -

रख जाओ कोई ख़्वाब भीगा, पथरीली 
आँखों में इस तरह, कि देर तक
ज़िन्दगी में इक पुरनमी 
अहसास रहे तारी,
इक छुअन 
जो 
कर जाए तरोताज़ा, जिस्म ओ जां  में 
भर जाए उम्मीद की लहर, कहीं 
से आओ भूले ही सही, कि 
तपते जज़्बात को 
चाहिए इक 
मुश्त 
संदली ऐतबार, मुद्दतों से बिखरे हैं दूर 
तक बेतरतीब, मेरे दिल के 
अरमां जुनूनी - - 
* * 
- शांतनु सान्याल 
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
art by susan duda

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