हासिल चाहे जो भी हो ज़िन्दगी में कुछ
भी फ़िक़्र नहीं, ये कम तो नहीं कि
मुस्कुराना तो हमें आ ही
गया, जब कभी
दर्द बढ़ा
दिल में हमने इंतज़ार किया बारिश का,
इक शिद्दत से थी आँखों को
शिकायत हमसे, चलो
अच्छा ही हुआ
आंसू छुपाना
तो हमें
आ ही गया, मेरी पलकों में तुम न ढूँढ -
पाओगे एक भी अश्क क़तरा,
ये राज़ ए बरसात है
दिल के दाग़
बहाना
तो हमें आ ही गया, ये और बात है, कि
भीगे जिस्म के अन्दर है सुलगता
आतीशफ़िशां कोई, फिर भी
अंदरूनी कोहरा दबाना
तो हमें आ ही
गया - -
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.in/
chinese painting traditional 1
भी फ़िक़्र नहीं, ये कम तो नहीं कि
मुस्कुराना तो हमें आ ही
गया, जब कभी
दर्द बढ़ा
दिल में हमने इंतज़ार किया बारिश का,
इक शिद्दत से थी आँखों को
शिकायत हमसे, चलो
अच्छा ही हुआ
आंसू छुपाना
तो हमें
आ ही गया, मेरी पलकों में तुम न ढूँढ -
पाओगे एक भी अश्क क़तरा,
ये राज़ ए बरसात है
दिल के दाग़
बहाना
तो हमें आ ही गया, ये और बात है, कि
भीगे जिस्म के अन्दर है सुलगता
आतीशफ़िशां कोई, फिर भी
अंदरूनी कोहरा दबाना
तो हमें आ ही
गया - -
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.in/
chinese painting traditional 1
पेंटिग और रचना दोनो ही अतिसुन्दर |
जवाब देंहटाएंआशा
thanks all respected friends - -
जवाब देंहटाएंअच्छी भावाव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंthanks respected friend - -
जवाब देंहटाएं