कभी सोचा ही नहीं तुम्हारे बग़ैर ज़िन्दगी के
मानी, ये सच है लेकिन हर चीज़ यहाँ
है बस कुछ लम्हों की कहानी,
फिर मेरी जगह ले
लेगा कोई,
ये धुंध नहीं अविराम स्थायी, घाटियों में - -
पुनः खिलेंगे बुरुंश के फूल, दूर
दूर तक गूंजेंगी गुंजन
जानी पहचानी,
कहाँ रुकता
रोके वक़्त का क़ाफ़िला, इक बहता स्रोत है
ये भावनाओं का निरंतर, कोई किसी
के लिए नहीं करता इंतज़ार
उम्रभर, पलक झपकते
ही सब कुछ हो
जाए गुम,
जो नज़र के सामने हो, वही इक शाश्वत
सत्य है ओझल होते ही सभी बातें
हो जाएँ पुरानी - -
* *
- शांतनु सान्याल
मानी, ये सच है लेकिन हर चीज़ यहाँ
है बस कुछ लम्हों की कहानी,
फिर मेरी जगह ले
लेगा कोई,
ये धुंध नहीं अविराम स्थायी, घाटियों में - -
पुनः खिलेंगे बुरुंश के फूल, दूर
दूर तक गूंजेंगी गुंजन
जानी पहचानी,
कहाँ रुकता
रोके वक़्त का क़ाफ़िला, इक बहता स्रोत है
ये भावनाओं का निरंतर, कोई किसी
के लिए नहीं करता इंतज़ार
उम्रभर, पलक झपकते
ही सब कुछ हो
जाए गुम,
जो नज़र के सामने हो, वही इक शाश्वत
सत्य है ओझल होते ही सभी बातें
हो जाएँ पुरानी - -
* *
- शांतनु सान्याल
कहाँ रुकता रोके वक़्त का क़ाफ़िला, इक बहता स्रोत है
जवाब देंहटाएंये भावनाओं का निरंतर,
कोई किसी के लिए नहीं करता इंतज़ार
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
latest post गुरु वन्दना (रुबाइयाँ)
thanks a lot respected friend - -
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