न फेर यूँ निगाहें, उसकी दुआओं में है
शामिल जहाँ की ख़ूबसूरती, वो
वही शख़्स है जिसने तुझे
अता की ज़िन्दगी,
वो वही
आलम ए रौशनी है जिसकी पनाह में
है दुनिया ओ बहिश्त की अमन
ओ ख़ुशी, न कर यूँ तू
नज़रअंदाज़
उसकी
शख़्सियत में है कहीं सदा ए ख़ुदा, वो
वही शख़्स है जिसने तुझे
सिखाया इस ज़मीं
पर दो क़दम
चलना -
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