ये शब मोहोम है, या मेरी आँखों में किसी ने
on Snowy Night Painting by Sabrina Zbasnik
तिलिस्म भर दिया, ये कैसा वहम छाया
कि थम चली है, सारी ख़ुदायी, न
जागे से हैं मेरे जज़्बात, न
सोयी सी ये तन्हाई,
न जाने किस
मोड़ पर
आ गई ज़िन्दगी, वो सनम है या कोई हक़िक़ी -
ख़्वाब की सूरत, हर क़दम इक राज़
गहरा, हर लम्हा कोई लहराती
सराब, हर जानिब इक
सदा बाज़गश्त !
उनकी
निगाहों में कहीं तैरती हैं, मेरी साँसों की बेशुमार
रंगीन कश्तियाँ - -
* *
- शांतनु सान्याल
शब मोहोम - मायावी रात
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंअसंख्य धन्यवाद - - नमन सह
जवाब देंहटाएंइन सिकारों के रंगे-स़ाज कर सवारूँ कैसे..,
जवाब देंहटाएंनिगाहें-आब की हस्ती नहीं होती..,
फिर ये नीम शबे-गिर्द अराबा..,
हदे-बंदी पे शोर-शराबा..,
फ़ाख्ता रंग में..,
जंगजू..,
कहीं गश्ती में मशरूफ ये मेरी तन्हाई..,
नींद भी तफ्तीश में चौंकी भरे है..,
ख़्वाब गलताँ व पेंचा है..,
निगाहें मशगुल हैं..,
निगेहबानी में..,
चमन..,
शस्स्स्स सोये हुवे हैं चमन बंदी के गुलनार..,
बेखौफ़ दरिखानों में.....