एक अजीब सा सन्नाटा है हर तरफ,
नीम से लेकर बरगद वाले चौबारे
तक, कुछ रंगीन छाते उड़ रहे
हैं ऊपर, बहुत ऊपर की
ओर, बाट जोहता
सा है गाँव
मेरा,
उदास आँगन से हो कर नदी के उस
किनारे तक, एक अजीब सा
सन्नाटा है हर तरफ,
नीम से लेकर
बरगद
वाले
चौबारे तक। जोकर का स्वांग रचाए
लोग खड़े हैं, हाथों में लिए कई
तरह की फिरकियां, एक
सुगबुगाहट सी है
हवाओं में,
दे न
जाएं कहीं फिर वही जादू की झप्पियां,
हम फिर पड़े रहे न कहीं, ऊसर
ज़मीं से ले कर टूटे हुए
ओसारे तक, एक
अजीब सा
सन्नाटा
है हर तरफ, नीम से लेकर बरगद - -
वाले चौबारे तक।
* *
- - शांतनु सान्याल
10 जून, 2021
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सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार( 11-06-2021) को "उजाले के लिए रातों में, नन्हा दीप जलता है।।" (चर्चा अंक- 4092) पर होगी। चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
आपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंबहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंवाह !सुंदर सृजन ।
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंहृदय के गांव का मनोहारी वर्णन
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंजाएं कहीं फिर वही जादू की झप्पियां,
जवाब देंहटाएंहम फिर पड़े रहे न कहीं, ऊसर
ज़मीं से ले कर टूटे हुए
ओसारे तक, एक
अजीब सा
सन्नाटा
लाजबाब सृजन,सादर नमन आपको
आपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंनीम से लेकर
जवाब देंहटाएंबरगद
वाले
चौबारे तक। जोकर का स्वांग रचाए
लोग खड़े हैं, हाथों में लिए कई
तरह की फिरकियां, एक
सुगबुगाहट सी है
हवाओं में,
दे न
जाएं कहीं फिर वही जादू की झप्पियां---बहुत ही गहन और शानदार पंक्तियां हैं...ऐसे लगा जैसे मैं इन्हें बहुत गहरे तक छू आया हूं।
आपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंवाह!बहुत ही सुंदर सराहनीय सृजन सर।
जवाब देंहटाएंमन को छूते भाव बिंब आँखों के सामने उभर आए।
सादर नमस्कार
आपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंएक अजीब सा
जवाब देंहटाएंसन्नाटा है हर तरफ,
नीम से लेकर
बरगद
वाले
चौबारे तक।
इस अजीब सन्नाटे को बखूबी उतारा है आपने अपनी लेखनी से...
बहुत ही लाजवाब सृजन
वाह!!!
आपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंआपका ह्रदय तल से असंख्य आभार, नमन सह।
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