28 जुलाई, 2025

उन्मुक्त सीप - -

सत्तर साल से उठाता रहा सूखे पत्तों का ढेर,

कहीं कोई सुख जीवाश्म मिल जाए देर सबेर,

अंतिम चाह का क्या कीजै निब टूटने के बाद,
तक़दीर के आगे नहीं चलता कोई भी हेर फेर,

एक अदद हमदर्द की तलाश करते रहे ताउम्र,
एक से छूटे कहीं तो हज़ार वेदनाएं लेते हैं घेर,

बिहान की आस में सीते रहे उम्मीद की चादर,
अपना ढहता ओसारा उगता सूरज ऊंचे मुँडेर,

अपने साध में लगे हैं सभी क्या साधु या स्वांग,
मूक अभिनय के हैं सभी पात्र अपने या हों ग़ैर,
- - शांतनु सान्याल 

4 टिप्‍पणियां:

  1. तीसरी पंक्ति में शायद नींद होना चाहिए था ?
    सुन्दर

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    1. दरअसल यहां पर नीब (पेन वाला ) से संबंधित है सज़ा के बाद जिसे तोड़ दिया जाता है । नमन सह माननीय ।

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    2. गूगल में नीब नहीं मिला । कलम वाले को निब कहते हैं हमारे यहां ।
      निब का मतलब क्या होता है?
      सूची में जोड़ें साझा करें। /nɪb/ अन्य रूप: निब; निबिंग। निब किसी चीज़ की नोक होती है, जैसे भाला । आमतौर पर इसका मतलब कलम की नोक होता है, खासकर फाउंटेन पेन की।

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    3. आप सही हैं निब होना चाहिए, ह्रस्व की जगह दीर्घ की मात्रा लिख दिया है त्रुटि ठीक कर देता हूँ असंख्य धन्यवाद मान्यवर ।

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