19 जुलाई, 2022

अमिट सत्य - -

मृत्यु अमिट सत्य है अपनी जगह,

और सत्य की मृत्यु

कभी होती नही, वो 

निर्वस्त्र हो कर 

अंतरतम के

सौंदर्य

को

उजागर करता है, सत्य को

कहने और सुनने का 

साहस ही जीवंत

रखता है मानव

को, वो सभी

धर्म एक

दिन

हो जाएंगे विलीन जो रखते

हैं धर्म को मानवता के

शीर्ष पर, समय हर

एक दंभ का मौन

संहार करता

है, सत्य

की

मृत्यु कभी होती नहीं, वो निर्वस्त्र 

हो कर अंतरतम

के सौंदर्य को उजागर

करता है ।

**

- - शांतनु सान्याल

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (20-07-2022) को
    चर्चा मंच      "गरमी ने भी रंग जमाया"  (चर्चा अंक-4496)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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  2. सत्य को कहने और सुनने का साहस ही जीवंतरखता है मानव को, पर यह साहस बिरले के पास ही होता है ! सुंदर अभिव्यक्ति

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  3. सर्वथा सत्य,,,,,, शानदार प्रकाशन

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