उड़ते पुल से वो गुज़रे, सफ़ेद बादलों की तरह
नज़र भी आये ज़रा ज़रा, फिर ओझल हो गए,
ज़िन्दगी तकती रही, इशारों की वो बत्तियां,
रिश्ते सभी यूँ निगाहों से बहते काजल हो गए,
अपनापन, फुटपाथ, पुरानी किताबों की दुकान
छू न सका, कि इश्क़ आसमानी आँचल हो गए,
वो हँसे या आंसू बहाए, कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता,
चाहने वाले न जाने कब,कहाँ, क्यूँ पागल हो गए,
गुफाओं में था कहीं गुम, वो ख़ुद को यूँ मिटाए हुए
रेशमी धागों के ख़्वाब सभी मकड़ी के जाल हो गए,
न दे सदा कि गूँज तेरी उभर कर बिखर जायेगी
ज़िन्दगी के हसीन पल, पिघल कर बादल हो गए,
लोग कहते हैं, मुझे बर्बाद इक दर्दे अफ़साना, कहें
हमराहे तूफ़ान, जज़्बात सभी संगे साहिल हो गए !
-- शांतनु सान्याल
painting by ananta 2010
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
नज़र भी आये ज़रा ज़रा, फिर ओझल हो गए,
ज़िन्दगी तकती रही, इशारों की वो बत्तियां,
रिश्ते सभी यूँ निगाहों से बहते काजल हो गए,
अपनापन, फुटपाथ, पुरानी किताबों की दुकान
छू न सका, कि इश्क़ आसमानी आँचल हो गए,
वो हँसे या आंसू बहाए, कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता,
चाहने वाले न जाने कब,कहाँ, क्यूँ पागल हो गए,
गुफाओं में था कहीं गुम, वो ख़ुद को यूँ मिटाए हुए
रेशमी धागों के ख़्वाब सभी मकड़ी के जाल हो गए,
न दे सदा कि गूँज तेरी उभर कर बिखर जायेगी
ज़िन्दगी के हसीन पल, पिघल कर बादल हो गए,
लोग कहते हैं, मुझे बर्बाद इक दर्दे अफ़साना, कहें
हमराहे तूफ़ान, जज़्बात सभी संगे साहिल हो गए !
-- शांतनु सान्याल
painting by ananta 2010
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
वाह बहुत सुन्दर भावो की अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें
जन्माष्टमी की शुभकामनाएं आपको भी, वंदना दी, तहे दिल से शुक्रिया.
जवाब देंहटाएं