20 अगस्त, 2011

देखा है तुम्हें करीब से

देखा है तुम्हें करीब से

ज़िन्दगी को तुमने देखा हो जिस तरह भी
दो पल का साथ मगर मुतासिर कर गया, 

यूँ तो चाहत की फ़ेहरिस्त थी बहोत लम्बी
अपलक आँखों से वो सब ज़ाहिर कर गया,

उस मोड़ पे जा कर बिखर जाते हैं, रास्ते -
 दर्द को सहने के लिए  वो माहिर कर गया,

मुझसे चाहते हो न जाने क्या खुल के कहो
हूँ महलों में लेकिन दिल यूँ  बेघर कर गया,

उसने क़सम खाई थी, हर क़दम पे मेरे लिए 
न जाने,  क्यूँ आखिर तन्हां सफ़र कर गया,

रिश्तों की भीड़ में, शायद  खो गया हो कहीं,
दर्दे वसीयत लेकिन वो मेरे नज़र कर गया,

-- शांतनु सान्याल

http://sanyalsduniya2.blogspot.com/

painting - Manuela Valenti

زندگی کو تھمنے دیکھا ہو جس طرح بھی 
دو پل کا ساتھ مگر متاثر کر گیا
یوں تو چاہت کی فہرشت تھی بھوت لمبی 
اپلک آنکھوں سے وو سب ظاہر کر گیا 

اس موڈ پی جا کر بکھر جاتے ہیں  راستے 
درد کو سہنے کے لئے وو ماہر کر گیا 

مجھسے چاہتے ہو نہ جانے کیا کھل کے کہو 
ہوں محلوں میں مگر دل بےگھر کر گیا 
اسنے قسم کھایی تھی ہر قدم پی میرے لئے 
نہ جانے آخر کیوں تنہاں سفر کر گیا 

رشتوں کی بھیڑ میں شاید کھو گیا ہو کہیں 
دردے وصیت لیکن وو میرے نظر کر گیا 

شانتانو سانیال -




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