अंतहीन जीवन यात्रा, असंख्य क्षितिज
रेखाएं, अथाह नेह सरोवर, उदय -
अस्त के मध्य सृष्टि का
नित काया कल्प,
अनबूझ
अंतरिक्ष, विस्तृत छाया पथ, महाशून्य
के मध्य चिरंतन, प्रवाहित आलोक
निर्झर, लौकिक द्वंद्व से
मुक्त एक महत
अनुभूति,
हर एक श्वास में वो अन्तर्निहित, हर
एक अश्रु कण में वो उद्भासित,
रिक्त थे समस्त पृष्ठ,
जब नियति ने
खोला जीवन
ग्रन्थ !
सभी अपने पराए थे बहुत मौन या थी
छद्म वेश की पुनरावृत्ति, उस
शाश्वत सत्य के समक्ष
लेकिन, हर एक
अस्तित्व
था पूर्ण उलंग, पारदर्शी उस सत्ता से
बचना नहीं सहज - -
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.in/
lotus lake
रेखाएं, अथाह नेह सरोवर, उदय -
अस्त के मध्य सृष्टि का
नित काया कल्प,
अनबूझ
अंतरिक्ष, विस्तृत छाया पथ, महाशून्य
के मध्य चिरंतन, प्रवाहित आलोक
निर्झर, लौकिक द्वंद्व से
मुक्त एक महत
अनुभूति,
हर एक श्वास में वो अन्तर्निहित, हर
एक अश्रु कण में वो उद्भासित,
रिक्त थे समस्त पृष्ठ,
जब नियति ने
खोला जीवन
ग्रन्थ !
सभी अपने पराए थे बहुत मौन या थी
छद्म वेश की पुनरावृत्ति, उस
शाश्वत सत्य के समक्ष
लेकिन, हर एक
अस्तित्व
था पूर्ण उलंग, पारदर्शी उस सत्ता से
बचना नहीं सहज - -
* *
- शांतनु सान्याल
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