कुछ देर यूँ ही रहने दे आबाद, मेरी
ख़्वाबों की दुनिया, ये सितारों
की बस्ती, ये सिफ़र में
तैरते रौशनी के
धारे, आज
की रात
गोया सिमट सी आई है कायनात
तेरी निगाहों के किनारे, न
कोई बुतख़ाना, न कोई
बेशक्ल ख़ुदा मेरा,
फिर भी न
जाने -
क्यूँ तेरे इश्क़ में ज़िन्दगी को मिल
गई है, मुद्दतों खोयी हुई बहारें।
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
art by miki
ख़्वाबों की दुनिया, ये सितारों
की बस्ती, ये सिफ़र में
तैरते रौशनी के
धारे, आज
की रात
गोया सिमट सी आई है कायनात
तेरी निगाहों के किनारे, न
कोई बुतख़ाना, न कोई
बेशक्ल ख़ुदा मेरा,
फिर भी न
जाने -
क्यूँ तेरे इश्क़ में ज़िन्दगी को मिल
गई है, मुद्दतों खोयी हुई बहारें।
* *
- शांतनु सान्याल
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