बहुत दूर आने के बाद, न करो लौट जाने की
painting by Felipe D Tapia
बात, मुमकिन कहाँ सांसों का वापस
आना, इक बार ग़र हो जाए
कहीं तबादिल, दिल
ओ जां, अब
ताउम्र
ए ताल्लुक़ का बिखर जाना नहीं आसां, ये -
और बात है कि बदल जाओ, राह ए
मंज़िल अपनी, बहोत ही
मुश्किल है, अहसास
ए रूह से यूँ
निजात
पाना, ख़ामोश ! ज़िन्दगी से कहीं और यूँ ही
निकल जाना, हर एक मरहले पे
होगी मौजूद, कराह ए
इश्क़, क़दम
बढ़ाना
भी चाहोगे तो साँस उभर आएगी - - - - - -
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंत्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!
सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं--
दीवाली का पर्व है, सबको बाँटों प्यार।
आतिशबाजी का नहीं, ये पावन त्यौहार।।
लक्ष्मी और गणेश के, साथ शारदा होय।
उनका दुनिया में कभी, बाल न बाँका होय।
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आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं,
जवाब देंहटाएंअसंख्य धन्यवाद के साथ