11 नवंबर, 2012

निजात - -

बहुत दूर आने के बाद, न करो लौट जाने की 
बात, मुमकिन कहाँ सांसों का वापस 
आना, इक बार ग़र हो जाए
कहीं तबादिल, दिल
ओ जां, अब 
ताउम्र 
ए ताल्लुक़ का बिखर जाना नहीं आसां, ये -
और बात है कि बदल जाओ, राह ए 
मंज़िल अपनी, बहोत ही 
मुश्किल है, अहसास 
ए रूह से यूँ 
निजात 
पाना, ख़ामोश ! ज़िन्दगी से कहीं और यूँ ही 
निकल जाना, हर एक  मरहले पे 
होगी मौजूद, कराह ए 
इश्क़, क़दम 
बढ़ाना 
भी चाहोगे तो साँस उभर आएगी - - - - - - 

- शांतनु सान्याल 
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/

painting by Felipe D Tapia

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    त्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  2. सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    दीवाली का पर्व है, सबको बाँटों प्यार।
    आतिशबाजी का नहीं, ये पावन त्यौहार।।
    लक्ष्मी और गणेश के, साथ शारदा होय।
    उनका दुनिया में कभी, बाल न बाँका होय।
    --
    आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  3. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं,
    असंख्य धन्यवाद के साथ

    जवाब देंहटाएं

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