नफ़्स मेरा निजात पा न सका, बड़ी
इसरार
आमेज़ - रहस्यमयी
painting by BARBARA FOX 2
नफ़ासत के साथ उसने सजायी
अहसास ए गुलदान, कुछ
तो है उसकी इसरार
आमेज़ निगाहों
की रौशनी
में, ज़िन्दगी हर क़दम संवर जाती
है बिखरने से पहले, वो शख्स
जो मुझे ले जाए अक्सर
तसव्वुर से आगे,
किसी और
ही जहान में, जहां गुलज़ार हैं सभी
गुल ओ ख़ार, अपनी अपनी
अंदरूनी ख़ूबसूरती
लिए हुए - -
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/इसरार
आमेज़ - रहस्यमयी
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