इतना न चाहो मुझे
के भूल जाऊं ये कायनात
अभी तो तमाम उम्र बाकी है
थमी थमी सी साँसें
बहकते जज्बात ज़रा रुको
टूट के बिखर न जाये कहीं
हसरतों के नायब मोती
अभी तो जहाँ की नज़र बाकी है
वजूद से कुछ फास्लाह रहे
इक हलकी सी चुभन दरमियाँ हो
अभी तो लम्बी सी रहगुज़र बाकी है
شانتنو سانيال ----शांतनु सान्याल
के भूल जाऊं ये कायनात
अभी तो तमाम उम्र बाकी है
थमी थमी सी साँसें
बहकते जज्बात ज़रा रुको
अभी तो इश्क-ए असर बाकी है
टूट के बिखर न जाये कहीं
हसरतों के नायब मोती
अभी तो जहाँ की नज़र बाकी है
वजूद से कुछ फास्लाह रहे
इक हलकी सी चुभन दरमियाँ हो
अभी तो लम्बी सी रहगुज़र बाकी है
شانتنو سانيال ----शांतनु सान्याल
बहुत खूबसूरत नज़्म ..
जवाब देंहटाएंthanks sangeeta di - naman sah
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