26 दिसंबर, 2024

मेरा यक़ीन रखना - -

वो ख़्वाब जो अभी तक ज़िन्दा है जुगनू की

तरह तुम्हारी हथेलियों में दे जाऊंगा,
इक सुबह जो मासूम बच्चे की
तरह दौड़ जाता है दूर तक
रंगीन तितलियों के
पीछे तुम उसी
जगह मेरा
इंतज़ार
करना
यक़ीन जानो इक दिन  मैं लौट के वहीं ज़रूर
आऊंगा, वो ख़्वाब जो अभी तक ज़िन्दा
है जुगनू की तरह तुम्हारी हथेलियों
में दे जाऊंगा । वो सभी सूर्य
मुखी चेहरे आकाश के
अभिमुख होंगे, वो
सभी मुरझाए
चेहरे एक
दिन
खिलेंगे सर्दियों की नरम धूप की तरह, सांझे
चूल्हे की तरह हमारे सुख दुःख होंगे,
अप्रकाशित कविताओं की तरह
संग्रहित हैं दिल की गहराइयों
में विप्लवी खनिज के
अनगिनत उजाड़
खदान, कुछ
मूक
श्रमिकों के समाधिस्थ श्मशान, तुम भूल नहीं
जाना पत्थरीली रास्तों पर चलना, मेरा
विश्वास रखो इक दिन तुम्हें क्षितिज
के पार फूलों की वादियों में
ले जाऊंगा, वो ख़्वाब
जो अभी तक
ज़िन्दा है
जुगनू
की तरह तुम्हारी हथेलियों में दे जाऊंगा ।
- - शांतनु सान्याल 

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