मेरा दर्द मुझको अज़ीज़ था क्यूँ तुमने
painting by AMANDA ELLIS
ख़ुद को शामिल किया, फिर बुझे
अंगारों को हवा दी, फिर
इक बार ज़िन्दगी
को बा सिम्त
गिरफ़्त ए
तूफां
किया, मेरा ज़ब्त इतना ज़हीफ़ न था,
क्यूँ तुमने फिर शीशा ए शक्ल
दिया, मैं यूँ ही था अपनी
दुनिया में खोया
हुआ, क्यूँ
तुमने
मुझसे प्यार किया, क्यूँ तुमने फिर - -
इक नया तोहफ़ा ए दर्द दिया।
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/painting by AMANDA ELLIS
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