जाने क्यूँ सर्द हुआ -
मुस्कराने की सज़ा बयां की थी
हमने, सिर्फ़ इतनी सी थी बात,
दिल टूटा था हमारा लेकिन -
जाने उसके सीने में क्यूँ दर्द हुआ,
वो देखते रहे मुझे मजरूह -
निगाहों से यूँ बार बार , गोया
सारा शहर पल भर में किसी
आतिशफिशां के हाथ सुपुर्द हुआ,
उठाई बुलंद आवाज़ उसके
खिलाफ़, कहने को ये तमाम
दुनिया लेकिन मेरा हमदर्द हुआ,
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/
Earth - Bartosz Beda paint exhibition
Journey To The Center Of The Earth, Lagoon Reveal Concept Art.
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