शब ए इन्तज़ार ढल गई,
दूर तक बिखरे पड़े हैं
बेतरतीब, टूटे
हुए ख़्वाब।
कुछ उनींदी आँखों की
वीरान बस्तियाँ,
और कुछ
कोहरे
में लिपटी ख़मोशियाँ।
लगा के आग,
ख़ुद अपने
अंजुमन
में कि
हम ढूंढते हैं बारिश,
भरे सावन में।
तमाम रात
जलते
बुझते रहे मेरे जज़्बात
उम्र से लम्बी थी
कहीं कल
बरसात
की
रात। हर इक आहट
में टूटती रही
जंज़ीर ए
नफ़स,
हर
इक पल बिखरते रहे
इश्क़ ए गुलाब।
शब ए
इन्तज़ार ढल गई, दूर
तक बिखरे पड़े हैं
बेतरतीब,
टूटे
हुए ख़्वाब - -
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.in/
शब - रात
दूर तक बिखरे पड़े हैं
बेतरतीब, टूटे
हुए ख़्वाब।
कुछ उनींदी आँखों की
वीरान बस्तियाँ,
और कुछ
कोहरे
में लिपटी ख़मोशियाँ।
लगा के आग,
ख़ुद अपने
अंजुमन
में कि
हम ढूंढते हैं बारिश,
भरे सावन में।
तमाम रात
जलते
बुझते रहे मेरे जज़्बात
उम्र से लम्बी थी
कहीं कल
बरसात
की
रात। हर इक आहट
में टूटती रही
जंज़ीर ए
नफ़स,
हर
इक पल बिखरते रहे
इश्क़ ए गुलाब।
शब ए
इन्तज़ार ढल गई, दूर
तक बिखरे पड़े हैं
बेतरतीब,
टूटे
हुए ख़्वाब - -
* *
- शांतनु सान्याल
http://sanyalsduniya2.blogspot.in/
शब - रात
सुन्दर भाव
जवाब देंहटाएंदो अजनबी !
हार्दिक आभार - - नमन सह ।
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 22 जुलाई 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार - - नमन सह ।
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (22-07-2015) को "मिज़ाज मौसम का" (चर्चा अंक-2044) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हार्दिक आभार - - नमन सह ।
हटाएंसुंदर !
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार - - नमन सह ।
हटाएंसमस्त माननीय मित्रों को असंख्य धन्यवाद। नमन सह - -
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार - - नमन सह ।
हटाएंसमस्त माननीय मित्रों को असंख्य धन्यवाद। नमन सह - -
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