वो शबनमी अनुराग है कोई, या घुमन्तु मेघ,
हाथ बढ़ाते सिर्फ़ दे जाए एक सिक्त
अहसास, मेरी आँखों में फिर
सज चले हैं वादियों से
उतरती नरम
धूप, फिर
तुमने
छुआ है मुझे बेख़ुदी में यूँ लेके गहरी सांस - - !
झील में उतर आया हो जैसे आसमानी
शहर, या फिर तुम्हारे नयन हो
चले हैं छलकते मधुमास।
पहाड़ों की गोद में
फिर जुगनुओं
ने डाला
है डेरा, फिर तुम्हारे स्पर्श से जग उठे हैं सीने
के अनगिनत अज्ञातवास। क्या यही है
इंगित पुनर्जीवन का या फिर कोई
ख़्वाबों का उच्छ्वास। वो
शबनमी अनुराग है
कोई, या घुमन्तु
मेघ, हाथ
बढ़ाते सिर्फ़ दे जाए एक सिक्त अहसास, - - -
* *
- शांतनु सान्याल
हाथ बढ़ाते सिर्फ़ दे जाए एक सिक्त
अहसास, मेरी आँखों में फिर
सज चले हैं वादियों से
उतरती नरम
धूप, फिर
तुमने
छुआ है मुझे बेख़ुदी में यूँ लेके गहरी सांस - - !
झील में उतर आया हो जैसे आसमानी
शहर, या फिर तुम्हारे नयन हो
चले हैं छलकते मधुमास।
पहाड़ों की गोद में
फिर जुगनुओं
ने डाला
है डेरा, फिर तुम्हारे स्पर्श से जग उठे हैं सीने
के अनगिनत अज्ञातवास। क्या यही है
इंगित पुनर्जीवन का या फिर कोई
ख़्वाबों का उच्छ्वास। वो
शबनमी अनुराग है
कोई, या घुमन्तु
मेघ, हाथ
बढ़ाते सिर्फ़ दे जाए एक सिक्त अहसास, - - -
* *
- शांतनु सान्याल
वो शबनमी अनुराग है कोई, या घुमन्तु मेघ,
जवाब देंहटाएंहाथ बढ़ाते सिर्फ़ दे जाए एक सिक्त
अहसास, मेरी आँखों में फिर
सज चले हैं वादियों से
उतरती नरम
धूप, फिर
तुमने
छुआ है मुझे बेख़ुदी में यूँ लेके गहरी सांस - - !
बेहतरीन लेखन शैली और सुंदर एहसासों से युक्त इस रचना हेतु हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीय शान्तनु जी।
असंख्य धन्यवाद आदरणीय मित्र - - नमन सह।
हटाएं
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
27/07/2019 को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
असंख्य धन्यवाद आदरणीय मित्र - - नमन सह।
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (28 -07-2019) को "वाह रे पागलपन " (चर्चा अंक- 3410) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
....
अनीता सैनी
असंख्य धन्यवाद आदरणीय मित्र - - नमन सह।
हटाएंकोमल भावों से परिपूर्ण सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंअसंख्य धन्यवाद आदरणीय मित्र - - नमन सह।
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअसंख्य धन्यवाद आदरणीय मित्र - - नमन सह।
हटाएंक़ुदरती बिम्बों के आलम्बन में रुमानियत की लताएँ लिपटी हुई ... बहुत प्यारी रचना महाशय ...
जवाब देंहटाएंअसंख्य धन्यवाद आदरणीय मित्र - - नमन सह।
हटाएंसरस सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंअसंख्य धन्यवाद आदरणीय मित्र - - नमन सह।
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